नवजात शिशु में 10 खतरे के संकेत | Newborn Danger Signs in Hindi

नवजात शिशु की उचित देखभाल करना बहुत जरूरी है। माता-पिता को नवजात शिशु में कुछ खतरे के संकेतों (Newborn Danger Signs) के बारे में पता होना चाहिए। अगर माता-पिता समय रहते इन लक्षणों को पहचान लें तो बच्चे की जान बचाई जा सकती है। आइए इस लेख में नवजात शिशु के खतरे के संकेतों के बारे में जानें।

बेबी सुस्त पड़ा होना (Lethargic baby)

ज्यादातर बच्चे मां का दूध ठीक से पीते हैं। अगर बच्चे को बुखार है या सर्दी से बच्चे की नाक बंद है, तो बच्चा दूध पीना बंद कर सकता है। यदि बच्चा स्तनपान करना बंद कर देता है या उसे पीने में परेशानी होती है तो अपने बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।

बच्चे को सांस लेने में परेशानी होना (Difficulty in breathing for baby)

बच्चे को अक्सर सर्दी और खांसी होती है, लेकिन अगर बच्चे की बीमारी गंभीर है, तो बच्चे को सांस लेने में दिक्कत होगी और बच्चा जोर से सांस लेगा। इसके अलावा, अगर छाती की मांसपेशियों को पसलियों में खींचा जा रहा है, तो आपको तुरंत अपने बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। ज्यादातर मामलों में, ऐसे वक़्त बच्चे को निमोनिया और हृदय रोग का खतरा (Newborn Danger Signs) हो सकता है।

बार-बार उल्टी होना (Newborn recurrent vomiting)

मां का दूध (स्तन का दूध) पीने के बाद शिशु वह दूध को नाक और मुंह से कई बार उल्टी कर सकता हैं ये चीज सामान्य रहती हैं। ऐसे वक़्त डकार आने के बाद उल्टी को कम करने के लिए बच्चे को कुछ देर के लिए दाहिनी ओर करके रखें।

लेकिन अगर बच्चा बार-बार उल्टी कर रहा है, दूध नहीं पी रहा है और पेट में सूजन है, तो तुरंत अपने बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें। यदि बच्चे की आंतों में रुकावट के कारण उल्टी फेंकी जा रही है, तो बच्चे के पेट में रुकावट होने की संभावना होती है। ऐसे मामलों में, आपको तुरंत अपने बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए।

पतली पॉटी होना (Loose motions in newborn)

नवजात अक्सर दूध पीने के तुरंत बाद पॉटी करता है। कुछ बच्चे पॉटी को दिन में 10-12 बार करते हैं। कुछ बच्चे इसे ३-४ दिनों में एक बार करते हैं। इसके बारे में चिंता करने का कोई कारण नहीं है। लेकिन अगर बच्चा 10-12 बार पॉटी कर रहा है, दूध नहीं पी रहा है और उसके साथ उल्टी भी कर रहा है और बच्चा सुस्त है, अगर बच्चे पॉटी लाल रंग की हैं तो चिंता करने का कारण (Newborn Danger Signs) है। ऐसे मामलों में, आपको तुरंत अपने बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए।

पेशाब कम होना (Difficulty in urination in newborn)

नवजात शिशु पहले 24 से 48 घंटों में पहली बार पेशाब करता है। लेकिन अगर शिशु पहले 48 घंटों में पेशाब नहीं करता है, तो यह चिंता का कारण होता है। अक्सर बच्चा पेशाब करते समय या ऐसा करने से पहले रोता है लेकिन यह सामान्य है। लेकिन अगर पेशाब करते समय बच्चा रोता है और उसे बुखार होता है, तो बच्चे को यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन हो सकता है।

बच्चों में (लड्कोमें) पोस्टीरियर यूरेथ्रल वॉल्व की समस्या बच्चे को प्रभावित कर सकती है। इस बीमारी का समय रहते निदान करना बहुत जरूरी है।

वजन कम होना ( Baby not gaining weight)

यदि बच्चे का वजन कम हो रहा है या बच्चे की खोपड़ी का आगे का टालू अंदर जा रहा है, भले ही बच्चा ठीक से दूध पी रहा हो, तो यह चिंता का कारण है। अगर बच्चे को स्तन के दूध की कमी हो रही हो, तो बच्चे का वजन । ऐसे समय में अपने बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह लेना बहुत जरूरी है।

शरीर का तापमान बढ़ा होना (Fever in newborn)

नवजात शिशु के तापमान को नियंत्रित रखना बहुत जरूरी है। अगर बच्चे के शरीर का तापमान गिरता है (हाइपोथरमिया) या 100 फारेनहाइट से ऊपर (बच्चे को बुखार) चला जाता है, तो बच्चा संक्रमित हो सकता है। इस मामले में, बच्चे को तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाने की जरूरत होती है।

बच्चा काला और नीला होगा तो (Cyanosed baby)

यदि बच्चे को पीलिया है, तो यह चिंता का कारण हो सकता है। यदि पीलिया हाथों और पैरों की हथेलियों तक है, तो तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाना महत्वपूर्ण है।

पीलिया आमतौर पर तीसरे दिन प्रकट होता है, पांचवें दिन तक बढ़ जाता है और आठवें दिन कम हो जाता है, लेकिन अगर पहले दिन से पीलिया दिखाई दे, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

अगर बच्चा नीला या काला हो जाता है, या हाथ, पैर और होंठ नीले पड़ जाते हैं, तो बच्चे को सांस और दिल की समस्या होने की संभावना (Newborn Danger signs ) अधिक होती है। ऐसे मामलों में, बच्चे को तुरंत डॉक्टर को दिखाने की जरूरत होती है।

बेबी को झटके आ रहे होंगे (Convulsions in baby)

यदि बच्चे को झटके आ रहे हो (मिर्गी) और बच्चा अपनी आँखें घुमा रहा है और अपनी मुट्ठी बंद कर रहा है, तो तुरंत बच्चे को डॉक्टर को दिखाना महत्वपूर्ण होता है।

नाभि से खून बह रहा होगा (Discharge from Umbilicus)

अगर बच्चे की नाभि के पास लाली है या बच्चे की नाभि से खून या गंदगी आ रही है, तो बच्चे को नाभि में संक्रमण हो सकता है। बच्चे को तुरंत डॉक्टर को दिखाना जरूरी है।

समय पर इलाज हमेशा फायदेमंद होता है। इसलिए, बच्चे को सही डॉक्टर या बाल रोग विशेषज्ञ के पास जाना महत्वपूर्ण है। बुद्धिमान माता-पिता अपने बच्चे के लक्षणों को (Newborn Danger Signs) पहचानते हैं और समय पर उपचार लेते हैं।

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डॉ निखिल राणे सलाहकार बाल रोग विशेषज्ञ और नियोनेटोलॉजिस्ट हैं। वह बच्चों के स्वास्थ्य की उचित देखभाल करना पसंद करते हैं।

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