हाइड्रोसील क्या होता है | Hydrocele in Hindi

बच्चो में अक्सर स्क्रोटम मैं अचानक या जन्मजात सूजन होती है। स्क्रोटम लिंग के निचे की थैली होती हैं। ऐसे समय में बच्चों में हाइड्रोसील (Hydrocele in hindi) या हर्निया होने की संभावना अधिक होती है। इससे बच्चे के माता-पिता डर जाते हैं। इसके बजाय अपने बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। तो आइए इस लेख में जानें कि हाइड्रोसील क्यों होता है और इसका इलाज क्या है।

Table of Contents

हाइड्रोसील क्या है? (What is hydrocele in hindi?)

बच्चो में आमतौर पर अंडाशय की परत पर एक परत होती है जिसमें पानी बनता है। तो अंडाशय स्वतंत्र रूप फिर सकता है। यदि उस परत में बहुत अधिक पानी जमा हो जाता है, तो यह एक नस के माध्यम से रक्तप्रवाह में वापस चला जाता है।

लेकिन जब पानी के संचय और शिराओं से गुजरने की प्रक्रिया असंतुलित हो जाती है, तो पानी बच्चे के अंडाशय के आसपास बढ़ने लगता है, जिससे उस समय बच्चे के स्क्रोटम पे सूजन आने लगती हैं। इस पानी के कारण स्क्रोटम में आने वाली सूजन को हाइड्रोसील (hydrocele in hindi) कहते हैं। हाइड्रोसील एक तरफ तो कभी दोनों तरफ दिखाई देता है।

हाइड्रोसील के कारण क्या हैं? (What are causes of hydrocele in hindi?)

जब बच्चा माँ के गर्भ में होता है, तो सभी शिशुओं के पेट और श्रोणि के पास एक मार्ग (इंग्वाइनल कैनाल) होता है। लड़कों में यह स्क्रोटम में खुलता है, जबकि लड़कियों में यह लेबिया में खुलता है। इस मार्ग के आवरण को प्रोसेस वेजिनेलिस कहते हैं। लड़के और लड़कियों में यह मार्ग आमतौर पर जन्म से पहले बंद हो जाता है।

  • नॉन कम्युनिकेटिंग हाइड्रोसील

जब यह मार्ग बंद हो जाता है, तो अंडाशय के आसपास पानी जमा हो जाता है। इसलिए इस संचित पानी का पेट से कोई संपर्क नहीं होता है, इसलिए इसे नॉन-कम्युनिकेटिंग हाइड्रोसील कहा जाता है।

  • कम्युनिकेटिंग हाइड्रोसिल

यदि जन्म के समय इंग्वाइनल कैनाल को बंद नहीं होता है, तो पेट के साथ कम्युनिकेशन के कारण अंडकोश में जमा होने वाला पानी भी कम हो सकता हैं । इसलिए इसे कम्युनिकेटिंग हाइड्रोसील कहा जाता है।

इस तरह के हाइड्रोसील के साथ, बच्चे को हर्निया भी हो सकता है, क्योंकि इंग्वाइनल कैनाल खुली होती है, जिससे पेट पेट मैं से आतडे स्क्रोटम में प्रवेश कर सकते हैं। स्क्रोटम की सूजन काम ज्यादा हो सकती हैं।

वृद्ध पुरुषों में, हाइड्रोसील विकसित हो सकता है यदि अंडाशय को चोट लगने पर अंडाशय या शुक्राणु लेके जाने वाली ट्यूब संक्रमित हो जाते हैं।

हाइड्रोसील शिशुओं में जन्मजात रूप से होता है। हाइड्रोसील जन्म लेने वाले लगभग पांच प्रतिशत बच्चों में होता है। कम दिन के बच्चों में हाइड्रोसील की दर अधिक होती है।

छोटे बच्चों में हाइड्रोसील के लक्षण क्या हैं? (What are symptoms of hydrocele in hindi?)

प्रत्येक बच्चे के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं, मुख्य रूप से स्क्रोटम की सूजन और बिना सूजन के दर्द होना। साथ ही कुछ बच्चों में नींद के दौरान अंडकोश की सूजन कम हो जाती है और दिन में बढ़ जाती है।

छोटे बच्चों में हाइड्रोसील का निदान कैसे किया जाता है

डॉक्टर बच्चे को उसके लक्षणों और शारीरिक जांच के आधार पर हाइड्रोसील से निदान करता है।

  • ट्रांस इल्यूमिनेशन टेस्ट

डॉक्टर अक्सर सूजन वाली जगह पर टार्च लगाकर दूसरी तरफ से देखते हैं। इस परीक्षण को ट्रांस इल्यूमिनेशन टेस्ट कहा जाता है।

  • सोनोग्राफ़ी

हाइड्रोसील का निदान शारीरिक जांच से होता है, लेकिन बच्चे को इससे कुछ और बीमारियां होती हैं, तो वो समज में आ जाता हैं  इसकी जांच के लिए सोनोग्राफी कराई जा सकती है।

बच्चों में हाइड्रोसील का इलाज क्या है? (What is treatment of hydrocele in hindi?)

यदि बच्चे को नॉन कम्युनिकेटिंग हाइड्रोसील है, तो यह बच्चे के पहले जन्मदिन तक ठीक हो जाता है। यानी स्क्रोटम पर सूजन पूरी तरह से कम हो जाती है। तो डॉक्टर उसे बिना सर्जरी के एक साल इंतजार करने को कहते हैं। यदि स्क्रोटम पर सूजन एक वर्ष के बाद भी कम नहीं होती है, तो बच्चे को सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।

यदि बच्चे को कम्युनिकेटिंग हाइड्रोसील है, तो बच्चे की सर्जरी करानी चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि इंग्वाइनल कैनाल अपने आप बंद नहीं हो सकती और ऐसे बच्चों में इंग्वाइनल हर्निया होने की संभावना अधिक होती है।

बच्चों में हाइड्रोसील का उपचार कैसे होता है?

हाइड्रोसील के ऑपरेशन को हाइड्रोसेलेक्टॉमी कहा जाता है। यह ऑपरेशन डे-केयर सर्जरी है ताकि बच्चे को हॉस्पिटल से उसी दिन या दूसरे दिन डिस्चार्ज मिल जाता हैं । यह ऑपरेशन बच्चे को भूल देने के बाद किया जाता है।

हाइड्रोसील ऑपरेशन में बच्चे की जांघ में चीरा लगाना और स्क्रोटम में जमा पानी को निकालना और इंग्वाइनल सैक को बंद करना शामिल होता है।

यदि बच्चे को कम्युनिकेटिंग हाइड्रोसील है, तो भविष्य में हर्निया को रोकने के लिए इंग्वाइनल कैनाल को शुक्राणु लेके जाने वाली नली और नसों को बाजु में करके बंद किया जाता हैं । इस ऑपरेशन की जटिलताएं बहुत दुर्लभ हैं।

ऑपरेशन के बाद, डॉक्टर बच्चे को दर्द को कम करने और टाको पर संक्रमण को रोकने के लिए दवाएं लिखते हैं। छोटे बच्चों को इस ऑपरेशन से ज्यादा दर्द नहीं होता है। डॉक्टर को फिर से तारीख दिखाने की जरूरत है। उपरोक्त सभी जानकारी को पढ़ने के बाद, आप जान सकेंगे कि अगर आपके बच्चे को हाइड्रोसील है तो क्या करना चाहिए।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या हाइड्रोसील जीवन के लिए खतरनाक है?

हाइड्रोसील जानलेवा नहीं है, लेकिन कम्युनिकेटिंग हाइड्रोसील में हर्निया हो सकता है और यदि हर्निया हो, तो बच्चे के पेट में आंतों में रुकावट हो सकती है। इसलिए ऐसे समय में बच्चे को तुरंत ऑपरेशन की जरूरत होती है।

क्या हाइड्रोसील ठीक हो जाता है?

हाइड्रोसील बीमारी का इलाज दवाई से नहीं होता हैं । यदि नॉन कम्युनिकेटिंग हाइड्रोसील है, तो यह एक वर्ष के भीतर ठीक हो जाता है और यदि यह ठीक नहीं होता है, तो सर्जरी की आवश्यकता होती है।

हाइड्रोसील में कौन सा पानी जमा होता है?

हाइड्रोसील में जो पानी जमा हो जाता है उसे सिरस फ्लूइड कहते हैं।

क्या हाइड्रोसील का अंडाशय या वीर्य पर कोई प्रभाव पड़ता है?

आमतौर पर हाइड्रोसील का वृद्ध पुरुषों में अंडाशय और वीर्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। लेकिन अगर हाइड्रोसील अंडाशय के संक्रमण या ट्यूमर के कारण होता है, तो यह वीर्य को प्रभावित करता है।

हाइड्रोसील और वैरिकोसील में क्या अंतर है?

हाइड्रोसिल में पानी होता है जो अंडाशय के आसपास जमा हो जाता है। वैरिकोसील में, अंडाशय की नसें सूज जाती हैं।

क्या ऑपरेशन के बाद स्क्रोटम की सूजन पूरी तरह से कम हो जाती है?

लगभग 99% रोगियों में स्क्रोटम की सूजन पूरी तरह से कम हो जाती है। साथ ही थोड़ी सूजन रह जाए तो एक महीने में पूरी तरह से चली जाती है।

क्या हाइड्रोसिल से बच्चे में भविष्य में प्रजनन संबंधी समस्याएं होती हैं?

हाइड्रोसील के ऑपरेशन से बच्चे को भविष्य में प्रजनन के लिए कोई परेशानी नहीं होती है। इसलिए, किसी विशेषज्ञ बाल रोग विशेषज्ञ द्वारा ऑपरेशन करवाना बेहतर है।

यदि किसी बच्चे को हाइड्रोसील है, तो बिना घबराए बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। चूंकि हाइड्रोसिल का ऑपरेशन एक डे केयर सर्जरी है, इसलिए बच्चे को एक दिन में अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है।

यदि आपके कोई और प्रश्न हैं, तो आप टिप्पणी कर सकते हैं और यदि आपको लेख पसंद आया है, तो साझा करना सुनिश्चित करें।

Rate this post

डॉ निखिल राणे सलाहकार बाल रोग विशेषज्ञ और नियोनेटोलॉजिस्ट हैं। वह बच्चों के स्वास्थ्य की उचित देखभाल करना पसंद करते हैं।

Leave a Comment