जब बच्चा पैदा होता है, तो माता-पिता बच्चे के स्वास्थ्य का बहुत ध्यान रखते हैं। हालांकि, कई बार अनजाने में बच्चे के साथ कुछ चीजें हो जाती हैं, जिनमें से एक है शिशुओं में डायपर रैशेज (Diaper rash in hindi) होती हैं।
शिशुओं में डायपर रैश क्या है? (What is diaper rash in hindi?)
बच्चे के पॉटी की जगह पर लाल चट्टे को डायपर रैश कहा जाता है।
डायपर रैश को कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस या डायपर डर्मेटाइटिस भी कहा जाता है। डायपर रैश आमतौर पर लगभग 30 से 40 प्रतिशत शिशुओं में होता है। डायपर रैश जन्म के बाद पहले सप्ताह में हो सकता है और तीन साल के बच्चे तक देखा जा सकता है।
शिशुओं में डायपर रैश का क्या कारण है? (What are causes of diaper rash in hindi?)
इसका कारण डायपर रैशेज के नाम से छिपा है। डायपर रैश को कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस भी कहा जाता है क्योंकि डायपर के संपर्क में आने पर बच्चे का पिछला हिस्सा लाल हो जाता है।
- जब बच्चे का डायपर गीला हो जाता है, तो मल में कुछ पदार्थों के कारण उस जगह की त्वचा में जलन होने लगती है और जगह लाल पड जाती हैं ।
- जब बच्चा पेशाब करता है और डायपर ओवरफ्लो हो जाता है, तो वो जगह नम पड़ती हैं,जिससे उस जगह लाल पड जाती हैं ।
- यदि डायपर का आकार छोटा है, तो यह हमेशा बच्चे की त्वचा को छूता है, जिससे उस जगह लाल पड जाती हैं ।
- यहां तक कि अगर डायपर क्षेत्र फंगस से संक्रमित है, तो क्षेत्र लाल हो जाता है। फंगस, मुख्य रूप से कैंडिडा एल्बीकैंस, संक्रमण फैलाता है।
- यदि बच्चे को डायपर या लंगोट धोने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले साबुन से एलर्जी है, तो उस जगह लाल पड जाती हैं ।
डायपर डर्मेटाइटिस के लक्षण क्या हैं? (What are symptoms of diaper rash in hindi?)
डायपर डर्मेटाइटिस के लक्षण अलग-अलग कारणों से अलग-अलग होते हैं।
- संपर्क डायपर डर्मेटाइटिस
डायपर जिस जगह पे छूता हैं उस जगह पर लाल चट्टे आते हैं । यह नाभि के नीचे भी फैलता है।
- कैंडिडा डायपर डर्मेटाइटिस
इस तरह के डर्मेटाइटिस में बच्चे के नितंब पर चमकीले लाल दाने और बच्चे के मुंह में सफेद धब्बे पड़ जाते हैं।
- सेबोरहाइक डायपर डर्मेटाइटिस
बच्चे की पीठ पर लाल और पीले रंग के दाने दिखाई देते हैं और बगल और जांघों जैसे पसीने वाले क्षेत्रों पर लाल दाने दिखाई देते हैं।
कई बार डायपर रैश के साथ बच्चे को लूज मोशन हो सकती हैं और बुखार भी हो सकता हैं ऐसे वक़्त बालरोग विशेषज्ञ की सलाह लेना जरूरी हैं
डायपर रैश का निदान कैसे किया जाता है?
डॉक्टर शारीरिक जांच के आधार पर डायपर रैश का निदान करते हैं। निदान के लिए अन्य परीक्षणों की आवश्यकता नहीं होती है। कुछ मामलों में, डॉक्टर मल परीक्षण के लिए कह सकते हैं।
शिशुओं में डायपर रैश के उपचार क्या हैं? (What is treatment of diaper rash in hindi?)
1. सबसे जरूरी चीज है साफ-सफाई। बेबी डायपर की जगह साफ और सूखा रखें। बच्चे की देखभाल करते समय अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं। ताकि बच्चे को दूसरा संक्रमण न हो जाए।
2. एंटी-फंगल डस्टिंग पाउडर- फंगल इंफेक्शन को कम करने में मदद करने के लिए कांख और गर्दन के नीचे एंटी-फंगल डस्टिंग पाउडर का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
3. कपड़े धोने का पाउडर या साबुन नैपी पर नहीं छोड़ना चाहिए क्योंकि इससे बच्चे की जांघ पर प्रतिक्रिया हो सकती है और क्षेत्र लाल हो सकता है।
4. अगर बच्चे को बहुत ज्यादा रैशेज हैं, तो अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार एंटी-फंगल पाउडर या एंटी-फंगल क्रीम (डायपर रैश क्रीम) का इस्तेमाल करें। क्रीम लगाते समय इसे ज्यादा न रगड़ें और कम से कम आधे घंटे के लिए खुला छोड़ दें।
5. हमेशा डायपर के इस्तेमाल से बचें। लेकिन अगर किसी कारणवश डायपर का इस्तेमाल करना पड़े तो बच्चे को कुछ देर बिना डायपर के ही रखें ताकि वह जगह हवादार हो जाए और संक्रमण की संभावना कम हो जाए।
6. बच्चे को गुनगुने पानी से नहलाएं और नहाने के बाद बच्चे के नितंब क्षेत्र को सुखाएं और उसके ऊपर एंटी फंगल डस्टिंग पाउडर छिड़कें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
डायपर रैशेज को कम करने के लिए कौन सी क्रीम का इस्तेमाल करना चाहिए?
डायपर रैशेज को कम करने के लिए एंटी फंगल क्रीम का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन स्टेरॉयड क्रीम का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए। एलोवेरा का उपयोग डायपर रैशेज को कम करने के लिए भी किया जाता है।
डायपर रैश के बारे में अधिक चिंता कब करें?
जब डायपर रैश टखनों के नीचे और घुटनों के पास फैल जाए तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
क्या मां का दूध डायपर रैशेज को कम करने में फायदेमंद है?
मां का दूध फायदेमंद होता है लेकिन कभी-कभी लैक्टोज इनटॉलेरेंस की स्थिति में फायदेमंद नहीं होता।
डायपर रैश को तुरंत कैसे कम करें?
एंटी-फंगल क्रीम से डायपर रैशेज को जल्दी कम किया जा सकता है लेकिन इसे सही तरीके से लगाना जरूरी है।
बच्चे को बार-बार डायपर रैश क्यों होते हैं?
यदि बच्चे को बार-बार दस्त होते हैं, तो बच्चे को बार-बार डायपर रैश हो सकते हैं।
क्या डायपर रैश के लिए वैसलीन का इस्तेमाल किया जा सकता है?
डायपर रैश के लिए वैसलीन का इस्तेमाल किया जा सकता है। वैसलीन उस क्षेत्र में शिशु की खुजली को कम करती है।
क्या डायपर रैशेज पर नारियल तेल लगाने से कम होता है?
डायपर रैश को कम करने के लिए नारियल के तेल का उपयोग नहीं किया जाता है लेकिन यह खुजली को कम करता है।
क्या डायपर रैश में दर्द होता है?
डायपर रैश में दर्द नहीं होता है, बल्कि त्वचा के उस हिस्से पर खुजली होती है जिसमें दर्द होता है जिससे बच्चा रोता है।
डायपर रैश होने पर क्या हम डायपर वाइप का उपयोग कर सकते हैं?
डायपर रैश के सक्रिय होने पर वाइप्स का उपयोग करने से बचें क्योंकि इसमें रसायनों के कारण क्षेत्र में जलन बढ़ जाती है।
उपरोक्त सभी जानकारी को पढ़ने के बाद, आपको पता चल जाएगा कि आपके बच्चे को डायपर रैश (Diaper rash in hindi) होने पर क्या करना चाहिए। हालाँकि, यदि आपके पास शिशुओं में डायपर रैश के बारे में कोई प्रश्न हैं, तो आप नीचे टिप्पणी कर सकते हैं। अगर आपको डायपर रैश के बारे में यह लेख पसंद आया है, तो इस लेख को अपने दोस्तों के साथ साझा करें।