बच्चों में फुंसी का उपाय | Abscess in children in Hindi

छोटे बच्चों में फुंसी (Abscess in children in hindi) एक बहुत ही आम समस्या है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि खेलते-खेलते बच्चे अक्सर चोटिल हो जाते हैं।अगर घाव में कीटाणु प्रवेश कर जाते हैं, तो वहां फोड़े बन जाएंगे।

फुंसी को फोड़ा भी कहा जाता है। आइए अब पता करते हैं फोड़े होने की वजह।

बच्चों में फोड़ा क्या होता है? (Abscess meaning in hindi)

फोड़ा (abscess) त्वचा के नीचे का संक्रमण होता है। आमतौर पर त्वचा पर बैक्टीरिया होते हैं। लेकिन वे त्वचा के लिए खतरनाक नहीं होते हैं लेकिन जब बच्चे खेलते हैं, तो वे घायल हो जाते हैं, या त्वचा के किसी हिस्से पर कट लग जाता हैं, या बाल अचानक से खींच गया । ऐसे वक़्त बैक्टीरिया को शरीर मैं जाने का मार्ग खुल जाता हैं और वो त्वचा के निचे प्रवेश कर लेते हैं और उस जगह पर संसर्ग होना चालू हो जाता हैं ।

जहां शरीर पर बाल होते हैं, पसीने वाले जगह जैसे बगल, गर्दन, जांघों जैसी जगहों पर जहां बहुत अधिक घर्षण होता है। ऐसी जगह पर फुंसी अधिक से अधिक बनते हैं। शरीर के किसी भी हिस्से पर फुंसी बन सकती है।

फोड़ा बनने के मुख्य कारण क्या हैं? (What are causes of abscess in children in hindi?)

फोड़ा बनने का कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन निम्न कारणों से छोटे बच्चों में फोड़े हो सकते हैं।

  • खेलते समय बच्चों के शरीर पर अक्सर चोट लग जाती है। ऐसे समय में त्वचा पर खरोंच लगने से चोट लग जाती है और वहीं से त्वचा पर कीटाणु प्रवेश कर फोड़े-फुंसी का कारण बनते हैं।
  • अगर बच्चे को ज्यादा पसीना आ रहा है, तो पसीना वहीं झुक सकता है और फोड़े में बदल सकता है।
  •  त्वचा कटने की जगह पर फोड़े बन सकते हैं, चाहे किसी भी आवारा जानवर ने काट लिया हो तो भी फोड़े बन सकते हैं ।
  •  बच्चों की इम्युनिटी अन्य बीमारियों से कमजोर पड जाती हैं, इसलिए शरीर की इम्युनिटी संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए सफेद रक्त कोशिकाओं को उस जगह पर भेजती है। इसलिए उस जगह पर मवाद बनता है और जैसे-जैसे उस जगह पर मवाद बढ़ता है, उस जगह का दर्द भी बढ़ता जाता है।

छोटे बच्चों में फोड़े के लक्षण क्या हैं? (What are symptoms of abscess in children in hindi?)

जब फोड़ा हमेशा छोटा होता है, तो उस जगह पर छाले जैसा दिखाई देने लगता हैं और कुछ ही दिनों में उस जगह पर सूजन बढ़ने लगती है और वह जगह लाल और दर्ददायक होने लगती है। कई बार फुंसी फूटने के बाद उसमें से मवाद बहार आना शुरू हो जाता हैं ।

छोटे बच्चों में यदि फोड़ा अधिक बड़ा हो जाता है तो उन्हें भी बहुत अधिक बुखार और ठंड लगना चालू हो जाती हैं, क्योंकि रक्त में संक्रमण का खतरा अधिक होता है।

बच्चों में फोड़े का निदान कैसे किया जाता है? (How abscess in children in hindi is diagnosed?)

डॉक्टर बच्चे के लक्षणों के आधार पर और जहां बच्चे का मवाद बना है उस जगह की जांच करके फोड़े का निदान करते हैं।

बच्चों में फोड़े का इलाज क्या है? (What is treatment of abscess in children in hindi?)

अगर किसी बच्चे को फोड़ा है, तो कुछ देखभाल करने से इसे कम करने में मदद मिल सकती है।

  • त्वचा पर बैक्टीरिया को कम करने में मदद करने के लिए नहाते समय त्वचा को साबुन से साफ करना चाहिए।
  • बच्चे के नाखूनों को हटाना महत्वपूर्ण है क्योंकि वे उन नाखूनों के कारण होने वाली खुजली के कारण होने वाले मवाद के फोड़े को फोड़ सकते हैं।

मवाद से छुटकारा पाने की कोशिश न करें क्योंकि यह आपके बच्चे के लिए दर्दनाक हो सकता है। फोड़ा फूटने की वजह से आजुबाजु की त्वचा मैं संसर्ग फैल सकता हैं । बच्चे के हाथ और आपके हाथ को बार-बार धोना बहुत जरूरी है। इससे संक्रमण से बचा जा सकता है।

यदि शिशु को कुछ समय से बुखार है, तो अपने बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना जरूरी है। वे दर्द और संक्रमण को कम करने के लिए बच्चे को दवा दे सकते हैं।

अगर फोड़ा बहुत बड़ा है, तो पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

कुछ मामलों में, दवा देने के बाद भी फोड़ा कम नहीं होता है या बढ़ता रहता है, ऐसे वक़्त सर्जन आपको उस जगह पर एक छोटा ऑपरेशन करने की सलाह दे सकते हैं । इस ऑपरेशन को इन्सिजन एंड ड्रेनेज कहा जाता है।

इन्सिजन एंड ड्रेनेज इस ऑपरेशन मैं बच्चे को भूल देने के बाद  फोड़े की जगह पर चीरा लगाया जाता है और पूरे मवाद को हटा दिया जाता है। कभी-कभी ऐसे फोड़े में पॉकेट बन जाते हैं। उन्हें भी साफ़ किया जाता हैं ।

घाव को साफ किया जाता है और उस जगह की ड्रेसिंग की जाती हैं । ज्यादातर समय घाव गहरा होता है, इसलिए इसे ठीक करने के लिए कुछ दिनों तक रोजाना ड्रेसिंग करना जरूरी होता है।

इस ऑपरेशन के बाद डॉक्टर दर्द को कम करने के साथ-साथ संक्रमण को कम करने के लिए एंटीबायोटिक्स दवा देते हैं।

ऊपर दिए गए पूरे लेख को पढ़ने के बाद आप समझ जाएंगे कि अगर आपके बच्चे को फोड़े हो जाएं तो क्या करें। समय पर उपचार करना ही अच्छा इलाज होता है।

फोड़े का सबसे अच्छा इलाज क्या है? (What is the best treatment of abscess in children in hindi?)

यदि फोड़ा छोटा है, तो दवा देना बेहतर हो सकता है। हालांकि, अगर फोड़ा  बड़ा होता हैं, तो चीरा मारके मवाद निकालकर बच्चे की परेशानी को दूर किया जाता हैं ।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

फोड़ा होने पर बच्चे को क्या तकलीफ होती है?

यदि फोड़ा बड़ा है, तो बच्चा चिढ़ जाता है और बहुत रोता है। उसे तेज बुखार भी आ सकता है।

फोड़े किस बैक्टीरिया के कारण हो सकते हैं?

स्टैफिलोकोकस और साथ ही स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया अक्सर फोड़े का कारण बनते हैं।

ऑपरेशन के बाद बच्चे को भोजन में क्या देना चाहिए?

हमेशा घर का बना खाना शामिल करें। साथ ही भोजन में नींबू, संतरा, नींबू का रस देने से बच्चे को घाव जल्दी भरने में मदद मिलती है।

क्या ऑपरेशन के बाद बच्चे को कोई समस्या होती है?

ऑपरेशन के बाद, बच्चे की तकलीफ कम हो जाती हैं और बुखार आना भी लगभग बंद हो जाता हैं और बच्चे की चिड़चिड़ापन और रोना तुरंत कम हो जाता है।

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डॉ निखिल राणे सलाहकार बाल रोग विशेषज्ञ और नियोनेटोलॉजिस्ट हैं। वह बच्चों के स्वास्थ्य की उचित देखभाल करना पसंद करते हैं।

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